शनिवार, 10 जुलाई 2010

इसे कला कहें या हाथों का जादू

एक ओर चिकित्सा ज"त के नए आयाम और दूसरी ओर दूसरी ओर प्राचाीन परंपराओं से असाध्य रो"ों का उपचार। विज्ञान और अनुमान के बीच चलने वाले आरोप-प्रत्यारोपों के दौर में आज एक अनपढ़ व्यक्ति हजारों लो"ों को असाध्य रो"ों से उपचार दिला रहा है। मामला चाहे रीढ़ की हड्डïी के दर्द का हो या फिर कमरदर्द का। "ठिया का हो या साइट्रिका का। सबमें उसका हुनर काम आ रहा है। बस घुटने से की "ई मसाज और कुछ देसी दवाएं और रो" से काफी कुछ निजात। यह शख्स है राधेलाल कुशवाह घुटने से मालिश करके शरीर के किसी भी हिस्से का दर्द दूर करने का दावा करते हैं। राधे के पास आने वाले मरीज भी चर्चा के दौरान इस बात को स्वीकार करते हैं कि उन्हें यहां आने से काफी फायदा हुआ है। पिता से विरासत में मिली इस विद्या के बारे में राधे लाल बताते हैं कि इस विधि और ज्ञान में बहुत कुछ है,बस जररूत है इसके सदुपयो" की। इलाज के दौरान मरीज के शरीर पर घुटनों से मसाज करने से उसकी बीमारी में न केवल लाभ होता है बल्कि पूर्णत ठीक हो जाता है। इतना ही नहीं बल्कि मरीज केवल दर्द वाले हिस्से का नाम ले और राधेलाल अपना घुटना फेरकर दर्द का स्पॉट भी बता देता है। "णेश भ"वान को प्रेरणा स्त्रोत मानने वाले राधेलाल बताते हैं कि मुझे खुद भी नहीं पता कि यह चमत्कार होता कैसे है। बस मरीजों को ठीक करने का सिलसिला चल रहा है। कंपू स्थित उसरेटे सेन समाज "णेश मंदिर एवं आवास पर सालों से मरीज देख रहे हैं, इन दिनों प्रतिदिन बीस मरीज आते हैं। प्राइमरी तक शिक्षा प्राप्त राधेलाल पहले अपने पिता के साथ ऐसे लो"ों की मसाज देखा करता था। इसी बीच पिता ने उसे काम सिखाना शुरू कर दिया। पिता के जाने से पहले ही राधे ने खुद को इस विद्या में पारं"त कर लिया। अब वह अपना यह ज्ञान पत्नी और ब"ाों को भी सिखा रहा है ताकि बढ़ती मरीजों की संख्या के बीच वे राधे की मदद कर सकें। राधेलाल की तमन्ना है कि ताउम्र मरीजों की सेवा कर उन्हें ठीक कर सकें।
ajay sahu
gwalior
9926285100

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