जो घट रहा है वह जरूरी नहीं कि सही रूप में लोगों के सामने परोसा जाए, इसलिए मैं तो जो देखता हूं बस मन में आता है लिख देता हूं बस, लोगों को जो भी लगे। अच्छा या बुरा। बस लिखता जाता हूं ओर लिखता
शनिवार, 8 मई 2010
मदर डे पर सभी लिखना वालो को सलाम
अजय साहू
ग्वालियर
९९२६२८५१००