चाँद तारे की तरहे सभी लिखाड़ को नव वर्ष मंगल मय हो
अजय साहू
ग्वालियर का सितारा
आईये कारवां बनायें..
शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009
प्यार के दिवस
हैप्पी वैलेंटाईन डे, प्यार के दिवस में प्यारी सी कामना
आप लोगों का प्यार फले और दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे।
आप प्यार को नई आयाम दे
आपका अजय
ग्वालियर
आप लोगों का प्यार फले और दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे।
आप प्यार को नई आयाम दे
आपका अजय
ग्वालियर
शनिवार, 7 फ़रवरी 2009
नीरज जी का जन्म-दिवस
हिन्दी साहित्य में नीरज जी का एक विशेष स्थान है।उनकी रचनाएँ पाठकों में हौसला एवं उद्देश्य भरती हैं। ऎसे मूर्धन्य साहित्यकार को जन्म-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
अजय साहू
ग्वालियर
अजय साहू
ग्वालियर
शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2009
मेरी माँ...
माँ रोओज कहती है पेपर आ रहे है कुछ बनो पढो लिखो
माँ बहुत प्यार करती है
मगर कुछ नही दिखाती
माँ तो माँ है उसका डाटना बुरा नही लगता
वह तो मेरा भला छठी है
मेरी माँ चाथीहै की मै ऑफिसर बनू
माँ बहुत प्यार करती है
मगर कुछ नही दिखाती
मेरी माँ...
जतिन साहू
gwalior
आईये कारवां बनायें..
माँ बहुत प्यार करती है
मगर कुछ नही दिखाती
माँ तो माँ है उसका डाटना बुरा नही लगता
वह तो मेरा भला छठी है
मेरी माँ चाथीहै की मै ऑफिसर बनू
माँ बहुत प्यार करती है
मगर कुछ नही दिखाती
मेरी माँ...
जतिन साहू
gwalior
आईये कारवां बनायें..
सोमवार, 26 जनवरी 2009
भारत माता की जय
गणतंत्र दिवस की सभी को हार्दिक बधाई
भारत माता की जय , वंदे मातरम ,
जय हिंद जय हिंद जय हिंद जय हिंद
अजय
भारत माता की जय , वंदे मातरम ,
जय हिंद जय हिंद जय हिंद जय हिंद
अजय
गुरुवार, 15 जनवरी 2009
बालक
एका छोटा सा बालक ८ साल की उमर माँ ग्वालियर ही नही बल्कि प्रदेश और देश का नाम रोसन कर रहा है उसका प्रदर्शन देख्नातो अचानक ही मुह से निकल पड़ा वहा iska नाम आयुष्मान है बालक की पुरी जानकारी आपको जल्दी मिल जायगी इंतजार करे
अजय साहू
अजय साहू
बुधवार, 7 जनवरी 2009
शनिवार, 3 जनवरी 2009
मेला ही मेला
मेला दिल का आता है आकर चला जाता है
आता है मुसाफिर जाता है मुसाफिर मेला तो मेला है
आन बान और शान का प्रतीक ग्वालियर का मेला जल्दी शुरू होने बाला है इअका सभी को इंतजार रहता है मेले में दूर दूर से लोग आते है बस इंतजार है मेले का
आता है मुसाफिर जाता है मुसाफिर मेला तो मेला है
आन बान और शान का प्रतीक ग्वालियर का मेला जल्दी शुरू होने बाला है इअका सभी को इंतजार रहता है मेले में दूर दूर से लोग आते है बस इंतजार है मेले का
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
चाँद सूरज
चाँद सूरज जिस तरह एक झील में उतरतें हैं
मैंने तुम्हे देखा नही कुछ नक्श से उभरते हैं
वायदों को तोड़ती है एक बार ही ये जिन्दगी
कुछ लोग हें मेरी तरह फ़िर एतबार करते हें
अमृता प्रीतम
मैंने तुम्हे देखा नही कुछ नक्श से उभरते हैं
वायदों को तोड़ती है एक बार ही ये जिन्दगी
कुछ लोग हें मेरी तरह फ़िर एतबार करते हें
अमृता प्रीतम
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