गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

  1. वेलेंटाइन डे,

    वेलेंटाइन डे, एक समय था हम इसका मतलब नहीं समझते थे समय बदलता गया, यह हमारे समाज के उपर हावी होता गया, पहले तो 14 फरवरी को ही इसकी रौनक होती थी मगर अब तो पूरा सप्ताह वेलेंटाइन वीक के रूप में मनाया जाने लगा है, वाह रे प्यार के त्योहार! इस मौके पर मैं संत वेलेंटाइन को कोटि—कोटि प्रणाम करना चाहता हूं,आज हालत यह है कि युवा पी​ढी इस दिन को मनाने को बेकरार है, पहले प्यार को हम जन्म—जन्म का बंधन मानते थे अब तो एक दिन इस त्योहार को मना रहे हैं, क्या यही हमारी परंपरा है संस्कति है हमें सोचना होगा कहां जा रहे हैं हम युवा पीढी को भी समझना होगा कि आखिर क्या है यह ...