जो घट रहा है वह जरूरी नहीं कि सही रूप में लोगों के सामने परोसा जाए, इसलिए मैं तो जो देखता हूं बस मन में आता है लिख देता हूं बस, लोगों को जो भी लगे। अच्छा या बुरा। बस लिखता जाता हूं ओर लिखता
बुधवार, 30 जून 2010
gwalior mai is samay jo ho hara hai vah achha nai hai 1 july ko gwalior band tha isma logo ko kahhfi parasani hui ajay sahu