शनिवार, 14 अगस्त 2010

हमें सोचना होगा


सभी लिक्खाडों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। सवाल मन में है क्या वाकई हम स्वतंत्र है? अगर है तो हम वह सब कुछ क्यों नहीं कर पाते जो हमारे मन में होता है। इससे जाहिर है कहीं न कहीं हम गुलामी जंजीरों में जकड़े हुए हैं। आखिर वे कौन से कारण हैं जो हमें मनमानी करने से रोकते हैं। हमें इसकी तह तक जाना होगा, मन में उठ रहे सवालों का हल भी हमारे पास है, बस जरूरत है आत्ममंथन की। हमें सोचना होगा, विचारना होगा।


जय हिंद

अजय साहू

शनिवार, 7 अगस्त 2010

आखिर बचा लिया मंत्री जी को

आखिर बचा लिया मंत्री जी को
ये है अफसरशाही, इंदौर के बहुचर्चित सगुनी देवी जमीन घोटाले में बुरी तरह फंसे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को साफ बचा लिया गया। इस मामले में विधायक रमेश मेंदौला समेत १७ लोगों को दोषी माना है, लेकिन एफआईआर में न तो कैलाश विजयवर्गीय का कहीं जिक्र है, और न ही उन्हें आरोपी माना, है न खास, मंत्रीजी को साफ-साफ बचा लिया गया। खैर जनता तो सब कुछ जानती है उससे कुछ नहीं छिपा, लोगों का कहना है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी मंत्रीजी का नाम तक नहीं है, है न आश्चर्य,मंत्री जी ने अपने बल पर खुद को बचा ही लिया।
ajay sahu