बुधवार, 31 दिसंबर 2008

रविवार, 28 दिसंबर 2008

जब किसी से

जब किसी से कोई गिला रखना सामने अपने आईना रखना यूं उजालों से वास्ता रखना शमा के पास ही हवा की तामिर चाहे जैसी होइसमें रोने की कुछ जगह रखनामिलना जुलना जहा ज़रूरी हो मिलने ज़ुलने का हौसला रखना

निदा फ़ाज़ली.

मंगलवार, 23 दिसंबर 2008

मूर्ति

पत्थर की मूर्ति पूजनीय है
इसलिए नही कि उसमे देवत्व है
बल्कि इसलिए कि उसने तराशे जाने का दर्द सहा है और एस मुकाम तक आया है

शनिवार, 20 दिसंबर 2008

श्री राम, राम, राम ..

पाप कटें, दुःख मिटें, लेत राम नाम ।भव समुद्र, सुखद नाव, एक राम नाम ॥प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..परम शांति, सुख निधान, नित्य राम नाम .निराधार को आधार, एक राम नाम ..प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

अजय साहू ग्वालियर

शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008

घर

बनाना था इक घर ये क्या बना बेठे ,कही मन्दिर बना बेठे कही मस्जिद बना बेठे ।
परिंदों के यहाँ फिरकापरस्ती क्यो नही होती ,कभी मन्दिर पर जा बेठे
कभी मस्जिद पर जा बेठे...........

बुधवार, 17 दिसंबर 2008

रोग पैदा कर ले कोई

रोग पैदा कर ले कोई जिंदगी के,वास्ते
सिर्फ सेहत के सहारे जिंदगी कटती नहीं सितारों के आगे
जहां और भी हैं,अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं
बुत को बुत और खुदा को जो खुदा कहते हैं,
हम भी देखें कि तुझे देख के क्या कहते हैं

सोमवार, 15 दिसंबर 2008

जिंदगी व मौत को साथ निभाते नहीं देखा.

समुन्दर में तूफानों को उठते हुए देखा,
नदी को भी उफनाते हुए देखा,
अश्क से दामन भिगोते देखा,
पर उस पर लगे दाग को मिटते नहीं देखा।
जिंदगी को जिन्दादिली से जीते देखा,
मौत को भी गले लगाते देखा,
जिंदगी से मौत की टकराहट देखा,
पर जिंदगी व मौत को साथ निभाते नहीं देखा.

रविवार, 14 दिसंबर 2008

आधा आकाश

हम आधा आकाश मंगातें हैं अपने एक खास मंगातें हैं । अंधेरों को चीर के रख दें,ऐसा एक प्रकाश मंगातें हैं हम आधा आकाश मांगता है

शुक्रवार, 12 दिसंबर 2008

भगवान

क्या भगवान को किसी ने देखा है? सिर्फ़ सुना ही तो है तो सुनी सुनायी बातो पर विस्वास कयो? वैसे तो यह कहा जाता है की आँखो देखी बात पर ही विस्वास करना चाहिए। तो ऐशा कयो जमाना कहा से कहा जा रहा है और हम पत्थर को ही भगवान मान रहे है। क्या तर्क है जो हम भगवान को मान रहे है? क्या हमारी समस्याओ को सुलझा सकता है भगवान ,जो भी हमारी मदद करता है। उसी को तो हम मानते है। हमारी क्या मदद करता है भगवान? जी है भगवान है हम माने या न माने कही न कही भगवान है बस जरुरत है तलासना की

बुधवार, 10 दिसंबर 2008

क्या भगवान हैं ?

मेरे, आपके, हमारे मन मे उठते कई सवाल जिनके अस्तित्व के बारें मे मुझे संदेह है। जैसे क्या भगवान हैं ?
जीवन क्या है?
शरीर मरने के बाद कहाँ जाता है?
सुख क्या है?

और कई ऐसे सवाल जिनका जवाब मुझे तो नही मालूम पर शायद आप लोग जानते हों। इसीलिए मैं सोचा की क्यों ना ऐसे ही आध्यात्मिक, दर्शन से जुड़े सवालों ( जिनका जवाब विज्ञान देने मे असमर्थ है) के लिए एक मंच बनाया जाए जहाँ पर कोई भी व्यक्ति अपनी जिज्ञाषा प्रकट कर सकें?

शनिवार, 29 नवंबर 2008

aman हो santi हो

मुंबई की शान ताज वीटी और रेलवे station का तीन दिन pahala का नजारा हर किसीकी जुबान पर था हर कोई चाहता है सांति मगर क्या अभी यह सम्भव है यह बात हर किसीकी जुबान पर है हम sabhee यह cahhaata है की मुंबई mai aman हो सांति ho हर कोई dara samha sa है कभी nai rukna बाला sahar aab tham sa गया है हम ieesvar sa यह prarthana kartae है की मुंबई ma aman हो santi हो

मंगलवार, 25 नवंबर 2008

आपनी baat

चुनाव का मौसम इस समय सभी की धड़कन को तेज़ कर रहा है अगर देखा जाई तो हर दल का नेता मतदाता को मना रहा है इस समय तो मतदाता भगवन हो गया है जो मतदाता बोल रहा है नेताजी बही कर रहा वोटजो लेना है आब समय आ गया है कुछ कर दिकाने का बस कुछ समय और परिदाम सामने आने वाला है