शुक्रवार, 12 दिसंबर 2008
भगवान
क्या भगवान को किसी ने देखा है? सिर्फ़ सुना ही तो है तो सुनी सुनायी बातो पर विस्वास कयो? वैसे तो यह कहा जाता है की आँखो देखी बात पर ही विस्वास करना चाहिए। तो ऐशा कयो जमाना कहा से कहा जा रहा है और हम पत्थर को ही भगवान मान रहे है। क्या तर्क है जो हम भगवान को मान रहे है? क्या हमारी समस्याओ को सुलझा सकता है भगवान ,जो भी हमारी मदद करता है। उसी को तो हम मानते है। हमारी क्या मदद करता है भगवान? जी है भगवान है हम माने या न माने कही न कही भगवान है बस जरुरत है तलासना की
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1 टिप्पणी:
बढिया पोस्ट।
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