सोमवार, 15 दिसंबर 2008

जिंदगी व मौत को साथ निभाते नहीं देखा.

समुन्दर में तूफानों को उठते हुए देखा,
नदी को भी उफनाते हुए देखा,
अश्क से दामन भिगोते देखा,
पर उस पर लगे दाग को मिटते नहीं देखा।
जिंदगी को जिन्दादिली से जीते देखा,
मौत को भी गले लगाते देखा,
जिंदगी से मौत की टकराहट देखा,
पर जिंदगी व मौत को साथ निभाते नहीं देखा.

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