रविवार, 11 जुलाई 2010

क्या हो गया है शहर को


मेरे ग्वालियर को अचानक क्या हो गया है, अपराधियों के मन से कानून नाम का खौफ खत्म सा होता रहा है। पहले एक हत्या होती थी तो पूरा शहर कांप जाता था और काफी दिनों तक लोगों के मन में भय रहता था मगर अब तो दिन दहाड़े गोली मार दी जाती है और पुलिस कुछ नहीं कर पाती। यही कारण है कि आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। लोग रात के समय घरों से निकलने में काफी सोचते हैं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। लोग कहते हैं पहले अपराध तो था लेकिन कम, अब तो अति हो गई है। लगता है कि अपराधियों के मन में पुलिस का कतई खौफ नहीं है। पुलिस मात्र खानापूर्ति कर रही है। उन्हें तो बस धनउगाही से मतलब होता है। पुलिस के कुछ अधिकारी सिर्फ मलाईदार जगहों पर जमने में रुचि दिखाते हैं। कुल मिलाकर अब तो शहर में लूट, हत्याएं आम बात हो गई है।

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