सोमवार, 12 जुलाई 2010

वाह बाबा वाह...

छा गए कुछ ही दिनों में, इसे कहते है कुछ ही दिनों में शोहरत कमाना। गर्त में छिपे ऑक्टोपस को कौन जानता था, सिवाए विज्ञान की चंद पुस्तकों में इसका जिक्र अध्यापक करते थे। फीफा विश्व कप हुआ, वल्र्ड के देशों की टीमें खिताब हासिल के लिए मैदानों में उतरीं, लोगों ने पैसा कमाने के लिए युक्ति निकाली और कर डाला कुछ नया। बस फिर क्या था मामूली सा जलीय जीव ऑक्टोपस कुछ ही दिनों में दुनिया का सबसे तेज भविष्य वक्ता बन गया। चारों ओर बाबा ही बाबा, ऑक्टोपस बाबा, वह भविष्यवाणियां करता गया, सच होती गईं और हद तो तब हो गई जब फीफा वल्र्ड कप के फाइनल मुकाबले में स्पेन और नीदरलैंड के बीच रोमांचक मुकाबला चल रहा था, इधर बाबा साहेब गहरी नींद में थे। लोग उनके कहे अनुसार दांव खेल रहे थे। बस रविवार की रात तो बाबा और छा गए जब उनकी भविष्यवाणी ने स्पेन को विश्व विजेता बना दिया। यह बात अलग है कि मैदान पर खिताब हासिल करने के लिए खिलाड़ी जी जान लगा रहे थे मगर लोग तो बाबा के कहे अनुसार अपना काम रहे थे। लोगों ने करोड़ों रुपए इधर-उधर कर दिए। खैर जो भी हो,स्पेन जीता सो जीता, लेकिन छोटा जलीय जीव ऑक्टोपस दुनिया का सबसे बड़ा भविष्य वक्ता बन गया। इसे कहते हैं वाह री किस्मत...

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