मंगलवार, 6 जुलाई 2010

बंद-बंद और बंद

बंद-बंद और बंद क्या बंद करने से महंगाई कुछ कम हुई क्या इसका असर उन जगहों पर हुआ जिनसे महंगाई कम हो सकती है। जवाब एक ही आता है नहीं। तो फिर क्यों राजनीतिक दल बंद कराने पर अड़े रहते हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता कि बंद से क्या परेशानियां होती है। बंद के दौरान जिन लोगों को परेशानी हुई उन लोगों से बात करने पर एक ही बात निकल कर आती है कि बंद उचित नहीं है। विरोध जताने के अन्य कई तरीके हो सकते हैं। बंद से कारोबार पर असर पड़ता ही है साथ ही उन लोगों को खासा असर पड़ता है जो किसी बीमारी से ग्रसित है और वे बंद के दौरान साधनों के आभाव में अस्पताल तक नहीं पहुंच सके। खैर जो भी हो राजनेताओं को बस बहाना चाहिए, नाम कमाने का। वे किसी तरह अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं। इसका सीधा नुकसान आम जनता को होता है। राजनेताओं को चाहिए कि वे कोई कदम उठाने से पहले जनता के हितों का ध्यान रखे। सभी समझते हैं महंगाई तो बढ़ रही है, मगर इसका विरोध जताने के लिए और भी तरीके हो सकते हैं।

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