मंगलवार, 27 जुलाई 2010

भुला दिए सारे वादे



कारगिल में युद्ध करते-करते देश के लिए शहीद हुए जवानोंं के परिजनों को दिए गए आश्वासन आज तक पूरे नहीं हो सके हैं। मुरार घोसीपुरा निवासी शहीद नरेन्द्र सिंह राणा के परिजन आज भी व्यथित हैं, १९९९ में कारगिल युद्ध के समय देश की रक्षा करते समय शहीद हुए सूबेदार नरेन्द्र सिंह राणा की पार्थिव देह जब मुरार पहुंची , तब शहरवासियों के अलावा कई राजेनता भी पहुंचे और कर दिए बड़े- बड़े वादे, सरकार ये करेगी, वो करेगी, लेकिन उन वादों का क्या हुआ, घटना के ११ साल बीत जाने के बाद भी किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली, घर में नरेन्द्र की विधवा पत्नी से जब बात की जाती है तो उनके आंसू थमने का नाम ही नहीं लेते। तीन बेटों में से किसी की आज तक नौकरी तक नहीं लगी। ऐसे में उनका क्या होता होगा सोचने वाली बात है। खैर शहीदों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम....
 अजय सहू
९९२६२८५१००

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