रविवार, 25 जुलाई 2010
इसे कहते हैं अक्ल
इसे कहते हैं अक्ल,पचमढी के मैकेनिक जावेद ने हार्ले जैस हूबहू जैसी बाइक बनाकर न केवल अपने शहर बल्कि प्रदेश का नाम रोशन किया है। मैकेनिक जावेद की खासियत यह है कि यह कारनामा उसने कोई मशीन से नहीं बल्कि अपने हाथों के हुनर से किया है। हर युवा की ख्वारइश होती है कि वह ३५ लाख रुप कीमत की हार्ले डेविडसन की बाइक चलाए, लेकिन यह सपना सपना बनकर ही रह जाता है, लेकिन पचमढी के मैकेनिक जावेद ने मात्र १ लाख ४० हजार रुप में यह सपना पूरा कर दिखाया है। उसके द्वारा बनाई गई बाइक से लोग हार्ले डेविडसन की बाइक चलाने का पूरा कर सकते हैं। खैर जावेद की इस उपलब्धि पर बधाई।
अजय साहू
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें