सोमवार, 12 जुलाई 2010

राई के दाने पर शिव परिवार

आपको देखने में भले ही परेशानी हो, लेकिन शैली को राई के दाने पर भगवान शिव और उनके पुत्र श्रीगणेश की प्रतिमा बनाने में सिर्फ चंद मिनट ही लगते हैं। यह उसकी वर्षों की लगन और मेहनत का परिणाम है। विश्व की सबसे छोटी प्रतिमा बनाने का दावा करने वाली शैली सोनी की तमन्ना इस क्षेत्र में आगे जाकर विश्व भर में नाम कमाने की है।

सराफा बाजार में रहने वाली शैली सोनी ने बताया कि मिट्टी और मोम के गणेश और शिव परिवार को बनाने का सपना बचपन से था, धीरे-धीरे मेहनत की और सपना साकार होता नजर आने लगा। अब हालत यह है कि चावल का दाना हो या फिर राई का दाना वह किसी पर भी भगवान गणेश और शिव का आकार मिनटों में दे रही है।

अब तक अगिनत मूर्तियां बना चुकी शैली का कहना है कि यह हुनर उसे विरासत में मिला है, परिवार में सोने का काम बारिकी से होता था। सो, सीखने में कोई दिक्कत नहीं हुई। अब तो बस यही तमन्ना है कि इस हुनर के जरिए विश्व में शहर व देश का नाम रोशन हो, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है।

गणपति भगवान को इष्ट मानने वाली शैली सोनी राई के एक दाने पर शिव परिवार बना चुकी है। इसके अलावा मिट्टी और मोम को अनेक बार भगवान का आकार दे चुकी है। प्रतिमा निर्माण के लिए वह कई पुरस्कार तक प्राप्त कर चुकी है।

फाइन आर्ट कालेज की प्रथम वर्ष की छात्रा शैली बताती है कि अपने हुनर की पहचान उसे उस समय हुई, जब २२ सितंबर २००७ को महाराज बाड़ा स्थित टाउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार मिला था। इसके बाद भोपाल में उसके द्वारा बनाई गई प्रतिमाओं की लगी प्रदर्शनी में जब मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कार मिला तब जो खुशी मिली उसे बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। इसके बाद तो कई सामाजिक संस्थाओं ने पुरस्कृत किया। उसका कहना है कि उस समय बड़ी खुशी होती है, जब उसके साथ माता-पिता का नाम भी रोशन होता है। दिल्ली के रामलीला मैदान में लगी प्रदर्शनी को उपस्थित अतिथियों ने काफी सराहा।

श्याम व राधा सोनी की होनहार पुत्री शैली ने विश्व की सबसे छोटी मूर्ति बनाने का दावा करते हुए लिम्का बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में नामांकन के लिए आवेदन किया है। फरवरी में उसका नाम इस रिकार्ड में शामिल कर लिया जाएगा, ऐसा शैली का मानना है।
ajay sahu
9926285100

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