जो घट रहा है वह जरूरी नहीं कि सही रूप में लोगों के सामने परोसा जाए, इसलिए मैं तो जो देखता हूं बस मन में आता है लिख देता हूं बस, लोगों को जो भी लगे। अच्छा या बुरा। बस लिखता जाता हूं ओर लिखता
रविवार, 14 अगस्त 2011
सभी लिखने वालों को आजादी की वर्षगांठ की शुभकामनाएं
अजय साहू
ग्वालियर आईये कारवां बनायें..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें