रविवार, 14 अगस्त 2011

  आजादी का जश्न... हमें सोचना होगा कि आजादी केञ् मायने タया हैं। タया हम वाकई में आजाद हो गए है। या अभी बहुत कुञ्छ बदलाव  होना बाकी है। देश में सुरसा की तरह मुंह फाडे खड़ी भ्रष्टाचार की समस्या और इसकेञ् प्रभाव से शायद ही कोई अछूता हो... समय आ गया है कि हम आजादी केञ् मायने समझें और उस पर अमल करें।
जय हिंद...जय भारत
अजय साहू
ग्वालियर
आईये कारवां बनायें

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