मंगलवार, 25 अक्टूबर 2011
रविवार, 14 अगस्त 2011
आजादी का जश्न... हमें सोचना होगा कि आजादी केञ् मायने タया हैं। タया हम वाकई में आजाद हो गए है। या अभी बहुत कुञ्छ बदलाव होना बाकी है। देश में सुरसा की तरह मुंह फाडे खड़ी भ्रष्टाचार की समस्या और इसकेञ् प्रभाव से शायद ही कोई अछूता हो... समय आ गया है कि हम आजादी केञ् मायने समझें और उस पर अमल करें।
जय हिंद...जय भारत
अजय साहू
ग्वालियर
आईये कारवां बनायें
जय हिंद...जय भारत
अजय साहू
ग्वालियर
आईये कारवां बनायें
गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011
- वेलेंटाइन डे,
वेलेंटाइन डे, एक समय था हम इसका मतलब नहीं समझते थे समय बदलता गया, यह हमारे समाज के उपर हावी होता गया, पहले तो 14 फरवरी को ही इसकी रौनक होती थी मगर अब तो पूरा सप्ताह वेलेंटाइन वीक के रूप में मनाया जाने लगा है, वाह रे प्यार के त्योहार! इस मौके पर मैं संत वेलेंटाइन को कोटि—कोटि प्रणाम करना चाहता हूं,आज हालत यह है कि युवा पीढी इस दिन को मनाने को बेकरार है, पहले प्यार को हम जन्म—जन्म का बंधन मानते थे अब तो एक दिन इस त्योहार को मना रहे हैं, क्या यही हमारी परंपरा है संस्कति है हमें सोचना होगा कहां जा रहे हैं हम युवा पीढी को भी समझना होगा कि आखिर क्या है यह ...
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