चुनावी साल... चुनावी माहौल... हर एक प्रत्याशी को सपने में सिर्फ कुर्सी नजर आ रही है और लाल बत्ती लगी गाड़ी में बैठकर घूमना... हर एक चाहता है कि कैसे भी .. विधायक बन जाएं.... लेकिन राह इतनी आसान नहीं है। 25 नवंबर को जनता सब बता देगी कि किसे वह सिरमौर बनाएगी। खैर इन दिनों तो चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है। लेकिन सब के सब प्रत्याशी चुनाव आयोग के डर के मारे कुंडली मारकर बैठे हैं।
रविवार, 17 नवंबर 2013
मंगलवार, 29 अक्टूबर 2013
सुना है ... दिवाली आ रही है
सुना है ... दिवाली आ रही है । चारों और साफ सफाई और खरीदारी का दौर चल रहा है। हम तो बस इस इंतजार में हैं कि कब धन मिले और दिवाली की शुरूआत हो.... मगर कब तक इंतजार करते रहेंगे। दिन व दिन गुजरते जा रहे हैं और कहीं से कोई आस नहीं दिख रही है। लेकिन बिना धन के दिवाली.. ये कैसे संभव है फिर मन में ख्याल आता है कि हम तो उन लोगों से काफी बेहतर है जो दो जून की रोटी के लिए रोज मशक्कत करते हैं। वो भी तो दिवाली मनाते हैं। बस यही सोचकर लगता है कि जब वे बिना धन के दिवाली मना सकते हैं तो हम क्यों नहीं। हम तो यह सब सोचकर मन को तसल्ली दे देते हैं मगर उन्हें कौन समझाए जो हमसे जुड़े हैं। हर साल की तरह इस साल भी खुशियों के आने का इंतजार है... बस इंतजार और इंतजारगुरुवार, 12 सितंबर 2013
शुक्रवार, 30 अगस्त 2013
जो देखा वही लिखा: चाहे आसमान टूट पड़ेचाहे धरती फट जाएचाहे हस्ती ह...
जो देखा वही लिखा:
चाहे आसमान टूट पड़े
चाहे धरती फट जाए
चाहे हस्ती ह...: चाहे आसमान टूट पड़े चाहे धरती फट जाए चाहे हस्ती ही क्यों न मिट जाए फिर भी मैं ... फिर भी मैं? दिल में जो प्यार हो तो, आग भी फूल ह...
आईये कारवां बनायें..
चाहे आसमान टूट पड़े
चाहे धरती फट जाए
चाहे हस्ती ह...: चाहे आसमान टूट पड़े चाहे धरती फट जाए चाहे हस्ती ही क्यों न मिट जाए फिर भी मैं ... फिर भी मैं? दिल में जो प्यार हो तो, आग भी फूल ह...
आईये कारवां बनायें..
रविवार, 25 अगस्त 2013
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