बुधवार, 10 जून 2015

हमें जब किसी व्यक्ति से काम होता है तो हम उसके इतने खास बन जाते हैं जैसे हमारे से बड़ा कोई हमदर्द उसका हो ही नही सकता, जब काम निकल जाता है तो हम उससे कन्नी काटने लगते हैं। इतना ही नहीं जब कभी सामने मुलाकात होती भी है तो अनदेखा करने का प्रयास करते हैं। खैर वो नादान इतना नहीं जानते कि दुनिया बहुत छोटी है। कभी भी किसी को काम पड़ सकता है।
भगवान उन्हें सद् बुद्धि दें।

रविवार, 17 नवंबर 2013

चुनावी साल... चुनावी माहौल... हर एक प्रत्याशी को सपने में सिर्फ कुर्सी नजर आ रही है और लाल बत्ती लगी गाड़ी में बैठकर घूमना... हर एक चाहता है कि कैसे भी .. विधायक बन जाएं.... लेकिन राह इतनी आसान नहीं है। 25 नवंबर को जनता सब बता देगी कि किसे वह सिरमौर बनाएगी। खैर इन दिनों तो चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है। लेकिन सब के सब प्रत्याशी चुनाव आयोग के डर के मारे कुंडली मारकर बैठे हैं।

मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

सुना है ... दिवाली आ रही है

सुना है ... दिवाली आ रही है । चारों और साफ सफाई और खरीदारी का दौर चल रहा है। हम तो बस इस इंतजार में हैं कि कब धन मिले और दिवाली की शुरूआत हो.... मगर कब तक इंतजार करते रहेंगे। दिन व दिन गुजरते जा रहे हैं और कहीं से कोई आस नहीं दिख रही है। लेकिन बिना धन के दिवाली.. ये कैसे संभव है फिर मन में ख्याल आता है कि हम तो उन लोगों से काफी बेहतर है जो दो जून की रोटी के लिए रोज मशक्कत करते हैं। वो भी तो दिवाली मनाते हैं। बस यही सोचकर लगता है कि जब वे बिना धन के दिवाली मना सकते हैं तो हम क्यों नहीं। हम तो यह सब सोचकर मन को तसल्ली दे देते हैं मगर उन्हें कौन समझाए जो हमसे जुड़े हैं। हर साल की तरह इस साल भी खुशियों के आने का इंतजार है... बस इंतजार और इंतजार

गुरुवार, 12 सितंबर 2013

  जो हम सोचते है वह हमें नहीं मिल पता है इसका हमें कारण पता करना होगा हमारे अंदर कहा कमी है मै जो काम हाथ मई लेता हु वेह पूरा होता ही नहीं है
खेर बाबा सब ठीक करंगे

आईये कारवां बनायें..

शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

जो देखा वही लिखा: चाहे आसमान टूट पड़ेचाहे धरती फट जाएचाहे हस्ती ह...

जो देखा वही लिखा:
चाहे आसमान टूट पड़े
चाहे धरती फट जाए
चाहे हस्ती ह...
: चाहे आसमान टूट पड़े चाहे धरती फट जाए चाहे हस्ती ही क्यों न मिट जाए फिर भी मैं ... फिर भी मैं? दिल में जो प्यार हो तो, आग भी फूल ह...

आईये कारवां बनायें..

चाहे आसमान टूट पड़े
चाहे धरती फट जाए
चाहे हस्ती ही क्यों न मिट जाए
फिर भी मैं ...
फिर भी मैं?


दिल में जो प्यार हो तो, आग भी फूल है
सच्ची लगन जो हो तो, पर्वत भी धूल है
तारे सजाऊँगा, तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊँगा, तेरे घर के सामने
इक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने
आईये कारवां बनायें..

रविवार, 25 अगस्त 2013